अष्टमी नवरात्रि के दौरान एक महत्वपूर्ण दिन है, जो विशेष रूप से देवी दुर्गा की आराधना के लिए मनाया जाता है। इसे अष्टमी तिथि कहा जाता है और यह नवरात्रि के आठवें दिन आता है। यहाँ अष्टमी के महत्व और पूजा की कुछ विशेषताएँ दी गई हैं:
अष्टमी का महत्व:
देवी दुर्गा की पूजा:
इस दिन भक्त विशेष रूप से देवी दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा करते हैं। महागौरी को शक्ति, पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
कुंवारी कन्याओं का पूजन:
अष्टमी के दिन कुंवारी कन्याओं (कन्या भोज) का पूजन करने की परंपरा है। भक्त उन्हें आमंत्रित कर भोजन कराते हैं और उनके चरणों में श्रद्धा से प्रणाम करते हैं। यह क्रिया अष्टमी की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
विशेष अनुष्ठान:
इस दिन विशेष हवन और यज्ञ भी किए जाते हैं, जिनसे देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना की जाती है।
शक्तिशाली दिन:
अष्टमी का दिन शक्तिशाली और शुभ माना जाता है, और इसे बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
विजयादशमी का पूर्वसूचक:
अष्टमी नवरात्रि के अंतिम दिनों में आता है और विजयादशमी (दशहरा) के त्योहार का पूर्वसूचक होता है, जिसमें देवी दुर्गा के विजय के उपलक्ष्य में बुराई के प्रतीक रावण का वध किया जाता है।
अष्टमी के दिन देवी की आराधना करने से भक्तों को विशेष लाभ और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अष्टमी का महत्व
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