दीवाली (दीपावली) हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे "रोशनी का त्योहार" भी कहा जाता है। यह वर्ष में एक बार मनाया जाता है और इसके दौरान लोग अपने घरों को दीपों, मोमबत्तियों और रंगोली से सजाते हैं। यहाँ दीवाली के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं:
1. महत्व:
दीवाली का अर्थ है "दीपों की पंक्ति"। यह अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है।
यह भगवान राम के अयोध्या लौटने और रावण पर विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
2. त्योहार के दिन:
दीवाली मुख्य रूप से पांच दिनों तक मनाई जाती है:
पहला दिन: धनतेरस - इस दिन धन और समृद्धि के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है।
दूसरा दिन: नरक चतुर्दशी (छोटी दीवाली) - इस दिन बुराई को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है।
तीसरा दिन: मुख्य दीवाली - इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और दीप जलाए जाते हैं।
चौथा दिन: गोवर्धन पूजा - इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है।
पाँचवा दिन: भाई दूज - इस दिन भाई-बहन का प्यार और बंधन मनाया जाता है।
3. अनुष्ठान:
दीवाली के दिन घरों की सफाई की जाती है और उन्हें अच्छे से सजाया जाता है।
मिठाइयों का आदान-प्रदान किया जाता है और पटाखे फोड़े जाते हैं।
4. सांस्कृतिक विविधता:
दीवाली भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाई जाती है। उत्तर भारत में इसे भगवान राम के स्वागत के रूप में मनाया जाता है, जबकि दक्षिण भारत में इसे नरकासुर के वध के दिन के रूप में मनाते हैं।
5. समाजिक और आर्थिक महत्व:
दीवाली के दौरान व्यापारी अपने पुराने खातों को समाप्त करते हैं और नए खातों की शुरुआत करते हैं।
यह परिवारों और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियाँ बांटने का समय होता है।
दीवाली का त्योहार केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है।
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