पूजा भारतीय धार्मिक परंपराओं में भगवान या देवी-देवताओं की आराधना का एक विशेष तरीका है। इसे अलग-अलग धर्मों में विभिन्न रूपों में किया जाता है, परंतु मुख्य रूप से यह भगवान को सम्मान, भक्ति और श्रद्धा अर्पित करने का एक माध्यम होता है। पूजा के दौरान, भक्त विशेष मंत्र, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), और पुष्प अर्पित करते हैं।

भारत में विभिन्न प्रकार की पूजा की जाती है, जो समय, उद्देश्य, देवी-देवताओं और अवसरों के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। यहां कुछ प्रमुख प्रकार की पूजाओं का उल्लेख किया गया है:

1. दुर्गा पूजा

  • यह पूजा माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है, विशेषकर नवरात्रि के दौरान। इसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। पश्चिम बंगाल में यह पूजा बहुत धूमधाम से मनाई जाती है।

2. लक्ष्मी पूजा

  • यह पूजा धन और समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी की आराधना के लिए की जाती है। इसे खासकर दीवाली के अवसर पर किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन माँ लक्ष्मी घरों में प्रवेश करती हैं और भक्तों को धन-धान्य का आशीर्वाद देती हैं।

3. गणेश पूजा

  • भगवान गणेश, जो सभी बाधाओं को दूर करने वाले माने जाते हैं, की पूजा विशेष रूप से गणेश चतुर्थी के दिन की जाती है। यह पूजा किसी नए काम की शुरुआत के समय भी की जाती है, ताकि कार्य बिना किसी विघ्न के पूरा हो।

4. शिव पूजा

  • भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से महाशिवरात्रि के दिन की जाती है। इसमें शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित किए जाते हैं। सोमवार का दिन भी शिव जी की पूजा के लिए शुभ माना जाता है।

5. सत्यनारायण पूजा

  • यह पूजा भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप की आराधना के लिए की जाती है। इसे किसी शुभ कार्य, नए घर में प्रवेश, विवाह, या किसी विशेष अवसर पर किया जाता है। यह पूजा सुख-शांति और समृद्धि के लिए की जाती है।

6. हवन या यज्ञ

  • हवन या यज्ञ एक वैदिक प्रक्रिया है जिसमें अग्नि के माध्यम से देवी-देवताओं को आहुति दी जाती है। यह विभिन्न देवी-देवताओं के लिए किया जा सकता है, और इसे वातावरण की शुद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है।

7. काली पूजा

  • यह पूजा देवी काली की आराधना के लिए की जाती है, जो शक्ति और विनाश की देवी मानी जाती हैं। यह पूजा मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम में की जाती है, विशेष रूप से दीपावली के समय।

8. हनुमान पूजा

  • भगवान हनुमान की पूजा संकटों को दूर करने और साहस व बल प्राप्त करने के लिए की जाती है। मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा की जाती है।

9. नवग्रह पूजा

  • यह पूजा नौ ग्रहों (सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु) की शांति और उनके प्रभाव को संतुलित करने के लिए की जाती है। इसे ज्योतिष शास्त्र के आधार पर किसी विशेष ग्रह दोष को दूर करने के लिए भी किया जाता है।

10. सर्वतोभद्र पूजा

  • यह एक विशेष प्रकार की पूजा है जिसमें चार दिशाओं के सभी देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। इसे विशेष रूप से घर, व्यापार या भूमि से जुड़े कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

11. गृह प्रवेश पूजा

  • जब कोई व्यक्ति अपने नए घर में प्रवेश करता है, तब यह पूजा की जाती है। इसमें घर की शुद्धि और देवी-देवताओं का आह्वान कर घर में सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।

12. विद्या आरंभ पूजा (सaraswati पूजा)

  • यह पूजा ज्ञान और शिक्षा की देवी माँ सरस्वती की आराधना के लिए की जाती है। खासकर विद्यार्थी और शिक्षक इस पूजा को करते हैं। बसंत पंचमी के दिन यह विशेष रूप से की जाती है।

13. मंगल दोष पूजा

  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष होता है, तो यह पूजा की जाती है। यह शादी से पहले या किसी विशेष समस्या को हल करने के लिए की जाती है, ताकि जीवन में शांति और सुख बना रहे।

इन पूजाओं का उद्देश्य केवल धार्मिक कार्यों में सीमित नहीं होता, बल्कि इनमें भक्त अपनी श्रद्धा और आस्था के माध्यम से जीवन में शांति, समृद्धि, स्वास्थ्य और सफलता की प्राप्ति की कामना करते हैं।

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