काल सर्प योग का आधुनिक ज्योतिष में उल्लेख:

काल सर्प योग एक ज्योतिषीय धारणा है, जिसे आधुनिक ज्योतिषियों द्वारा स्थापित किया गया माना जाता है। वैदिक ज्योतिष के शास्त्रीय ग्रंथों जैसे बृहत् पाराशर होरा शास्त्र या जातक परिजात में इसका सीधा उल्लेख नहीं मिलता है। हालांकि, काल सर्प योग राहु और केतु के प्रभावों पर आधारित है, और यह माना जाता है कि जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं, तो व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयां और चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं।

संभावित प्रभाव और विश्वास:

  • काल सर्प योग को लेकर आधुनिक समय में कई ज्योतिषियों के बीच अलग-अलग मत हैं। कुछ इसे जीवन में कठिनाइयों और बाधाओं का कारण मानते हैं

  • कुछ ज्योतिषी इसे बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं।

निष्कर्ष:

काल सर्प योग एक आधुनिक ज्योतिषीय धारणा है, जिसका संबंध राहु और केतु की स्थितियों और उनके प्रभावों से है।