राहु

मायावी ग्रहः: राहुः व्यक्ति के जीवनं भ्रमं, मोहं, तथा अनिश्चिततायां नयति।

“राहुं क्रूरदृशं दृष्ट्वा स्फटिकाभं महारविम्। चूर्णयामास तं सख्ये राहुः कश्चिदसुरः किल॥”
विष्णुपुराणम्

“राहुः क्रूरः स्मृतो शस्त्रे, तमोगुणप्रधानकः। दुष्कर्मफलप्रदायी च राहुः सर्वेषु सर्वदा॥”

राहु भारतीय ज्योतिष में एक छाया ग्रह के रूप में जाना जाता है, जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, लेकिन यह चंद्रमा और सूर्य के साथ ग्रहण की स्थिति में मुख्य भूमिका निभाता है। राहु का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व रखता है और इसे नकारात्मक या अशुभ ग्रह के रूप में देखा जाता है, हालांकि यह सकारात्मक परिणाम भी दे सकता है, विशेष रूप से जीवन के कुछ क्षेत्रों में।

राहु के प्रमुख प्रभाव:
  1. मायाजाल और भ्रम:
    राहु को मायावी ग्रह माना जाता है, जो व्यक्ति को भ्रम, भटकाव और अनिश्चितता में डाल सकता है। व्यक्ति अपने लक्ष्य से भटक सकता है या अनावश्यक इच्छाओं और महत्वाकांक्षाओं में उलझ सकता है।

  2. अचानक घटनाएं और परिवर्तन:
    राहु व्यक्ति के जीवन में अचानक परिवर्तन लाने वाला ग्रह है। यह व्यक्ति के जीवन में अनपेक्षित घटनाएं, जैसे दुर्घटनाएं या हानि ला सकता है। इसके प्रभाव से अचानक हानि हो सकती है।

  3. अवैध और अप्राकृतिक चीजों की ओर आकर्षण:
    राहु व्यक्ति को अवैध या अनुचित कार्यों की ओर आकर्षित कर सकता है, जैसे धोखा, छल-कपट, नशीली पदार्थों का सेवन, और छल-कपट से धन अर्जन करना। यह व्यक्ति को गलत रास्ते पर ले जा सकता है।

  4. अप्रत्याशित स्थानांतरण:
    राहु के प्रभाव से व्यक्ति को अप्रत्याशित स्थानांतरण का योग बन सकता है।

राहु के नकारात्मक प्रभाव:
  1. मानसिक अशांति:
    राहु के नकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति को मानसिक अशांति, डर, भ्रम, और तनाव का सामना करना पड़ सकता है। यह व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

  2. स्वास्थ्य समस्याएं:
    राहु के प्रभाव से व्यक्ति को त्वचा संबंधी रोग, मानसिक रोग, और नशे की लत जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

  3. अनैतिक और असामाजिक गतिविधियां:
    राहु का नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति को अवैध और अनैतिक गतिविधियों की ओर ले जा सकता है। यह व्यक्ति को गलत मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे उसके जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

काल सर्प दोष -राहु के अशुभ प्रभाव