मंगल दोष पूजा

मंगल दोष पूजा विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए की जाती है जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थान में स्थित होता है। इसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि मंगल दोष विवाह, स्वास्थ्य, और अन्य जीवन क्षेत्रों में बाधा उत्पन्न कर सकता है। मंगल दोष को मांगलिक दोष भी कहा जाता है, और यह तब होता है जब मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, आठवें, या बारहवें भाव में स्थित होता है।

मंगल दोष के प्रभाव:

  1. विवाह में विलंब: मांगलिक दोष होने पर व्यक्ति के विवाह में देरी हो सकती है या वैवाहिक जीवन में तनाव हो सकता है।

  2. वैवाहिक जीवन में समस्याएं: मंगल दोष से दांपत्य जीवन में झगड़े, असहमति, और तलाक की संभावना बढ़ सकती है।

  3. स्वास्थ्य समस्याएं: मंगल दोष से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

  4. धन हानि: इस दोष के प्रभाव से धन का नुकसान या आर्थिक परेशानियां भी हो सकती हैं।

मंगल दोष पूजा का उद्देश्य:

इस पूजा का मुख्य उद्देश्य मंगल ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा को शांत करना और शुभ परिणाम प्राप्त करना है। इससे वैवाहिक जीवन में शांति, समृद्धि और खुशहाली की प्राप्ति होती है। यह पूजा मांगलिक दोष के कारण होने वाली समस्याओं को कम करने के लिए की जाती है, ताकि विवाह और अन्य जीवन कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो सकें।

मंगल दोष पूजा की विधि:

  1. गणेश पूजा: सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है ताकि मंगल दोष पूजा बिना किसी बाधा के संपन्न हो।

  2. मंगल ग्रह का आह्वान: मंगल ग्रह का आह्वान विशेष मंत्रों के माध्यम से किया जाता है।

  3. मंगल यंत्र: पूजा के दौरान मंगल यंत्र का उपयोग किया जाता है, जो मंगल की ऊर्जा को नियंत्रित करने के लिए होता है।

  4. मंत्र जप: मंगल दोष के निवारण के लिए विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, जैसे "ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः"।

  5. हवन: पूजा के अंत में हवन किया जाता है, जिसमें विशेष मंत्रों के साथ आहुति दी जाती है।

  6. दक्षिणा और दान: मंगल दोष पूजा के बाद ब्राह्मणों को दक्षिणा और लाल वस्त्र, मूंगा रत्न, और मसूर की दाल का दान किया जाता है।

अन्य उपाय:

  1. मूंगा रत्न धारण करना: मंगल दोष के प्रभाव को कम करने के लिए व्यक्ति को मूंगा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। इसे सोने या तांबे की अंगूठी में पहनना शुभ माना जाता है।

  2. मंगलवार का व्रत: मंगलवार के दिन व्रत रखने और भगवान हनुमान की पूजा करने से भी मंगल दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

  3. हनुमान चालीसा का पाठ: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सहायक होता है।

मंगल दोष पूजा व्यक्ति के जीवन में मंगल ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती है और उसे वैवाहिक जीवन, स्वास्थ्य और करियर में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है।