नवरात्रि की कहानी देवी दुर्गा की महाकवि और उनके द्वारा महिषासुर नामक दानव पर विजय पाने की गाथा से जुड़ी है। यह कहानी न केवल शक्ति और साहस का प्रतीक है, बल्कि बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश भी देती है।

कहानी का सार:

महिषासुर का आतंक:

महिषासुर एक शक्तिशाली राक्षस था, जिसने स्वर्ग में देवताओं को पराजित कर दिया। उसने देवताओं से कहा कि वह एक ऐसी शक्ति चाहता है, जो उसे किसी भी पुरुष द्वारा नहीं मारे जा सके। उसकी इस इच्छा को सुनकर, देवताओं ने भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा की मदद से देवी दुर्गा का अवतार किया।

देवी दुर्गा का अवतार:

देवी दुर्गा ने विभिन्न देवी-देवताओं से शक्तियाँ प्राप्त कीं और उन्हें एक अद्भुत रूप में प्रकट किया गया। देवी दुर्गा के पास कई हथियार और शक्तियाँ थीं, जो उन्हें युद्ध में अत्यंत सक्षम बनाती थीं।

युद्ध और विजय:

महिषासुर और देवी दुर्गा के बीच भयंकर युद्ध हुआ। देवी ने महिषासुर से लड़ाई की और उसकी सभी शक्तियों को नष्ट कर दिया। अंततः, उन्होंने महिषासुर का वध किया और बुराई पर अच्छाई की विजय पाई।

संदेश:

नवरात्रि के दौरान इस कहानी को याद किया जाता है। यह हमें सिखाती है कि जब भी बुराई बढ़ती है, देवी शक्ति अवश्य प्रकट होती है। भक्त इस पर्व के माध्यम से माँ दुर्गा की आराधना करते हैं और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करते हैं।

नवरात्रि केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह शक्ति, साहस, और भक्ति का प्रतीक है। अगर आप और जानकारी चाहते हैं या किसी विशेष पहलू पर चर्चा करना चाहते हैं, तो बताएं!

नवरात्रि की कहानी